Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ अनुष्टुप् प्रकरण : आठवाँ छन्दोविमर्श उत्तराध्ययन का अधिक भाग पद्यात्मक है। इसमें 1638 श्लोक हैं। इसमें दोनों प्रकार के छन्द-मात्रावृत्त और वर्णवृत्त व्यवहृत हुए हैं। मात्रावृत्त वर्णवृत्त गाथा उपजाति इन्द्रवज्रा उपेन्द्रवजा वंशस्थ कुछ चरणों में नौ, दस, ग्यारह आदि अक्षर हैं / नवाक्षर वाले कई छन्द हैं, जैसेमहालक्ष्मी, सारंगिका, पाइत्ता, कमल आदि / ' किन्तु उनसे नवाक्षर वाले चरणों की गण-संगति नहीं बैठती है, इसलिए उन्हें गाथा छन्द के अन्तर्गत ही रखा गया है। इसी प्रकार दस, ग्यारह आदि अक्षरों वाले छन्दों से भी चरणों की संगति नहीं है। गाथा छन्द में सबका समावेश हो जाता है, इसलिए हमने उन्हें गाथा की कोटि में रखा है। अध्ययन 1 इसमें 48 श्लोक हैं / उनका छन्द-बोध इस प्रकार हैगाथा छन्द- 113,211,2,3 / 1,2,4 / 3 / 5 / 16 / 3;7 / 4, 6 / 1,1111,2,12 / 2,16 / 1; 17 / 3;2012,3,21 / 2,3,22 / 1; 23 / 2;25 / 1; 26 / 1,2; 32 / 1,34 / 3; 42 / 1,3,43 / 1,3,44 / 2945 / 3 उपजाति छन्द-१३,४८ वंशस्थ छन्द-.४७ अनुष्टुप छन्द- उक्त श्लोकों के शेष चरण तथा अवशिष्ट श्लोक / अध्ययन 2 इसमें 46 श्लोक हैं / उनका छन्द-बोध इस प्रकार हैगाथा छन्द- 111,2 / 13 / 3 / 10 / 112 / 3 / 18 / 423 / 1,3,35 / 2,38 / 1,40 / 1 अनुष्टुप छन्द- उक्त श्लोकों के अवशिष्ट चरण तथा शेष श्लोक / . १-प्राकृत पैंगलम्, पृ० 216-223 / २-वही, पृ० 224-242 /