Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha

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Page 498
________________ खण्ड २.प्रकरण: छन्दोविमर्श 466 अनुष्टुप छन्द-उक्त श्लोकों के शेष चरण व अवशिष्ट श्लोक / 3 लोक-८,१६ मात्रा की दृष्टि से गाथा छन्द की परिगणना में आ सकते हैं, किन्तु गण गाथा छन्द के अनुरूप नहीं है। अध्ययन 31 इसमें 21 श्लोक हैं / उनका छन्द बोध इस प्रकार हैगाथा छन्द- 111,6 / 1;7 / 2;1012,1111,12 / 1,1331,14 / 1 / 15 / 1,16 / 2 अनुष्ट र छन्द-उक्त श्लोकों के शेष चरण व अवशिष्ट श्लोक / अध्ययन 32 - इसमें 111 श्लोक हैं / उनका छन्द-बोध इस प्रकार हैउपजाति छन्दः-सम्पूर्ण अध्ययन / अध्ययन 33 - इसमें 25 श्लोक हैं। उनका छन्द-बोध इस प्रकार हैगाथा छन्द- 41,3,5,6;7 / 1,2,6 / 3 / 11 / 2,13 / 2;14 / 1 / 15 / 2;16 / 1,3,173; 1914;2011;21 / 4 / 22 / 423 / 4 अनुष्टप् छन्द-उक्त श्लोकों के शेष चरण व अवशिष्ट श्लोक / अध्ययन 34 इसमें 61 श्लोक हैं / उनका छन्द-बोध इस प्रकार हैगाथा छन्द-१।१२।१,२,४।२,३,५।१,३,७१,३,८।१,३,२५३३;२६।१,४;२८।४२६।२; 30 / 4,3114,32 / 4 / श्लोक-१० से 21,23,33 से 61 गाथा, अनुष्टुप् आदि मिश्रित छन्दों में हैं। अनुष्टुप् छन्द–उक्त श्लोकों के शेष चरण व अवशिष्ट श्लोक / अध्ययन 35 इसमें 21 श्लोक हैं / उनक छन्द-बोध इस प्रकार हैगाथा छन्द-११,३,४।३।६।३।६।२;१०१२,११११,१३।३;१४।३,४,१५।३।१६।१,१७१४, 16 / 3,2003 अनुष्टुप् छन्द-उक्त श्लोकों के शेष चरण व अवशिष्ट श्लोक /

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