Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha

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Page 510
________________ मण्ड 2, प्रकरण : व्याकरण-विमर्श 481 5 / 26 इस श्लोक में सर्वत्र पुल्लिङ्ग के स्थान में नपुंसकलिङ्ग का निर्देश हुआ है / (252) 6 / 36 इस श्लोक में क्रोध आदि शब्दों में पुल्लिङ्ग के स्थान पर नपुंसकलिङ्ग का निर्देश किया गया है / (314) 13314 भोगाइ इमाइ यहाँ पुल्लिङ्ग के स्थान पर नपुंसकलिंग का निर्देश है। (386) 161 जं विवित्तमणाइन्नं रहियं यहाँ पुल्लिङ्ग के स्थान पर नपुंसकलिंग माना गया है। (428) 18 / 14 दाराणि. ____यहाँ पुल्लिंग के स्थान में नपुंसकलिङ्ग है / (441) 18 / 23 किरियं अकिरियं यहाँ स्त्रीलिंग के स्थान पर नपुंसकलिंग है। 18 / 23 विणयं . यहाँ पुल्लिंग के स्थान पर नपुंसकलिंग है। 1834 कामाई __यहां पुल्लिंग के स्थान पर नपुंसकलिंग है। (448) 23 / 11 इमा वा यहाँ पुल्लिंग के स्थान पर स्त्रीलिंग है। (466) 24.11 तिन्नि यहाँ स्त्रीलिंग के स्थान पर नपुंसकलिंग है। (516) . . 25221. रागद्दोसभयाईयं यहाँ पुल्लिग के स्थान पर नपुंसकलिंग है / (527) 26026 आरभटा इस श्लोक में आए हुए 'आरभट' आदि शब्दों में रूढ़ि से स्त्रीलिंग किया गया है। (541) : 28028 सुदिट्ठपरमत्थसेवणा, वावन्नकुदसणवज्जणा, सम्मत्तसद्दहणा यहाँ नपुंसकलिंग के स्थान पर स्त्रीलिंग का प्रयोग है। (566) २६।सू०७२ तिन्नि यहाँ पुल्लिङ्ग के स्थान पर नपुंसकलिंग है / (565) ,

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