Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha

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Page 488
________________ खण्ड 2, प्रकरण : 7 उपमा और दृष्टान्ते 456 1938 16 / 36 16 / 40 .16 / 41 16 / 42 1950 16 / 53 1656 1957 16 / 63 1664 1665 1966 1967 1986 16087 जवा लोहमया जहा अग्गिसिहा दित्ता जहा दुक्खं भरेउं जे होइ वायस्स कोत्थलो जहा तुलाए तोलेउ, दुक्करं मन्दरो गिरी जहा भूयाहिं तरिउं, दुक्करं रयणागरो महादवग्गिसंकासे महाजन्तेसु उच्छू वा रोज्झो वा जह पाडिआ महिसो विव मिओ वा अवसो मच्छो वा अवसो. सउणो विव वड्ढईहिं दुमो विव कुमारेहिं अयं पिव महानागो व्व कंचुयं रेणुयं व पडे लग्गं वासीचन्दणकप्पो सत्यं जहा परमतिक्खं / इन्दासणिसमा पोल्ले व मुट्ठी जह से असारे अयन्तिए कूडकहावणे वा राढामणी वेरुलियप्पगासे विसं तु पीयं जह कालकूडं * 'सत्यं जहं कुग्गहीयं वेयाल इव अग्गी विवा कुररी विवा विहग इव देवो दोगुन्दओ जहा सीहो व सद्देण न संतसेज्जा संगामसीसे इव नागराया मेरु व्व 1962 20120 20121 20142 20142 20142 20144 20144 20144 20147 20.50 20160 2117 21 / 14 21 / 17 2111.6

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