Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ खण्ड 2, प्रकरण : 3 भौगौलिक परिचय - 381 बड़ा गाँव है, जिसे चम्पानगर कहते हैं और एक छोटा गाँव है जिसे चम्पापुर कहते हैं / संभव है ये दोनों प्राचीन राजधानी 'चम्पा' को सही स्थिति के द्योतक हों।" 1 __फाहियान ने चम्पा को पाटलिपुत्र से 10 योजन पूर्व दिशा में, गंगा के दक्षिण तट पर स्थित माना है / 2 ___स्थानांग (10 / 717 ) में उल्लिखित दस राजधानियों में तथा दीघनिकाय में वर्णित छः महानगरियों में चम्पा का उल्लेख है। महाभारत के अनुसार चम्पा का प्राचीन नाम 'मालिनी' था। महाराज चम्प ने उसका नाम परिवर्तित कर 'चम्पा' रखा। यह भी माना जाता है कि मगध सम्राट् श्रेणिक की मृत्यु के बाद कुमार कूणिक को राजगृह में रहना अच्छा नहीं लगा। उसने एक स्थान पर चम्पक के सुन्दर वृक्षों को देख कर 'चम्पा' नगर बसाया। पिहुंड : . __यह समुद्र के किनारे पर स्थित एक नगर था।' सरपेन्टियर ने माना है कि यह भारतीय नगर प्रतीत नहीं होता। सम्भवतः यह बर्मा का कोई तटवर्ती नगर हो सकता है। जेकोबी ने इसका कोई ऊहापोह नहीं किया है / ___ डॉ० सिलवेन लेवी का अनुमान है कि इसी पिहुंड नगर के लिए खारवेल के शिलालेख में पिहुड (पिथुड), पिहुंडग (पिधुंडग) नाम आया है तथा टालेमी का 'पिटुण्ड्रे' भी पिहुंड का ही नाम है। लेवी के अनुसार इसकी अवस्थिति मैसोलस और मानदसइन दो नदियों के बीच स्थित मैसोलिया का अन्तरिम भाग है। दूसरे शब्दों में गोदावरी और महानदी के बीच का पुलिन (Delta) प्राचीन पिहुंड है। ___ डॉ. विमलचरण लॉ ने लिखा है कि इस नगर की खोज चिकाकोल और कलिंगपटम के अंतरिम भागों में नागावतो (अपर नाम लांगुलिया) नदी के तटीय प्रदेशों में करनी चाहिए। १-दि एन्शिएण्ट ज्योग्राफी ऑफ इण्डिया, पृ० 546-547 / २-ट्रेवल्स ऑफ फाहियान, पृ० 65 / ३-महाभारत, 12 // 5 // 134 / ४-विविध तीर्थकल्प, पृ० 65 / ५-उत्तराध्ययन चूर्णि, पृ० 261 : समुद्दत्तीरे पिहुंडं नाम नगरं। 6-The Uttaradhyayana Sutra, p. 357. ७-ज्योग्राफी ऑफ बुद्धिज्म, पृ० 65 / ८-सम जैन केनोनिकल लिटरेचर, पृ० 146 /