Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ खण्ड 2, प्रकरण : 4 व्यक्तिगत परिचय 361 उल्लेख ज्ञात नहीं है / भगवान महावीर ने आठ राजाओं को दीक्षित किया था, ऐसा उल्लेख स्थानांग में आया है / ' उसमें 'सेय' नाम का भी एक राजा था। परन्तु वह आमलकल्पा नगरी का राजा था, काशी का नहीं। इसी उल्लेख में 'काशीराज शंख' का भी नाम आया है। तो क्या श्लोकगत काशीराज से 'शंख' का ग्रहण किया जाय ? ___ भगवान महावीर-कालीन राजाओं में 'विजय' नामका कोई राजा दीक्षित हुआ हो-ऐसा ज्ञात नहीं है / पोलासपुर में विजय नाम का राजा हुआ था। उसका पुत्र अतिमुक्तक ( अइमुत्तय ) भगवान के पास दीक्षित हुआ-ऐसा उल्लेख अंतगडदशा में है। परन्तु महाराज विजय के प्रवजित होने की बात वहाँ नहीं है। विजय नाम का एक दूसरा राजा उत्तरपूर्व दिशा के मृगगाम नगर में हुआ था। उसकी रानी का नाम मृगा था / परन्तु वह भी दीक्षित हुआ हो, ऐसा उल्लेख नहीं मिलता। महाबल (1850) ____टीकाकार नेमिचन्द्र ने इनकी कथा विस्तार से दी है। उन्होंने अन्त में लिखा है कि व्याख्या-प्रज्ञप्ति में महाबल की कथा का उल्लेख है। वे हस्तिनापुर के राजा बल के पुत्र थे। उनकी माता का नाम प्रभावती था। वे तीर्थङ्कर विमल के परम्परागत आचार्य धर्मघोष के पास दीक्षित हुए। बारह वर्ष तक श्रामण्य का पालन किया। मर कर ब्रह्मलोक में उत्पन्न हुए। वहाँ से च्युत हो वाणिज्यग्राम में एक श्रेष्ठी के यहाँ पुत्र रूप में उत्पन्न हुए। उनका नाम 'सुदर्शन' रखा। ये भगवान महावीर के पास प्रवजित होकर सिद्ध हुए। यह कथा व्याख्याप्रज्ञप्ति के अनुसार दी गई है। यह निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता कि महाबल वही है या अन्य / हमारी मान्यता के अनुसार यह के ई दूसरा होना चाहिए। क्या यह विपाक सूत्र (श्रुत 1 10 3) में वर्णित पुरिमताल नगर का राजा तो नहीं है। किन्तु वहाँ उसके दीक्षित होने का उलेख नहीं है। ___ संभव है कि यह विपाक सूत्र (श्रुत्र 2, अ० 7) में वर्णित महापुर नगर का राजा 'बल का पुत्र महाबल हो। १-स्थानांग, 0621 / -अन्तगडदशा सूत्र. वर्गा ३-विपाक सूत्र, श्रुतस्कन्ध 1, अध्ययन 1 / ४-सुखबोधा, पत्र 259 /