Book Title: Trini Chedsutrani
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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२५८]
[बृहत्कल्पसूत्र
सूत्र ३-१८
अपवादमार्ग में साधु-साध्वी में परस्पर सेवा कर्त्तव्यों का, संयमनाशक दोषों का, छह प्रकार की कल्प मर्यादाओं का, इत्यादि विषयों का कथन किया गया है।
॥ छट्ठा उद्देशक समाप्त ॥
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सूत्र संख्या की तालिका उद्देशक
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२१७
॥ बृहत्कल्पसूत्र समाप्त॥
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