Book Title: Trini Chedsutrani
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 498
________________ नवम उद्देशक शय्यातर के पाहुणे, नौकर एवं ज्ञातिजन के निमित्त से बने आहार के लेने का विधि-निषेध ___ १. सागारियस्स आएसे अन्तो वगडाए भुंजए, निट्ठिए निसट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। २. सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए भुंजए, निट्ठिए निसट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ___३. सागारियस्स आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ, निट्ठिए निसट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ___४. सागारियस्स आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ, निट्ठिए निसट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ५. सागारियस्स दासे वा, पेसे वा, भयए वा, भइण्णए वा अंतो वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ६. सागारियस्स दासे वा, पेसे वा, भयए वा, भइण्णए वा अंतो वगडाए भुंजइ, निट्ठिए निसढे अपाडिहारिए, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ७. सागारियस्स दासे वा, पेसे वा, भयए वा, भइण्णए वा बाहिं वगडाए भुंजइ, निट्ठिए निसट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ८. सागारियस्स दासे वा, पेसे वा, भयए वा, भइण्णए वा बाहिं वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ९. सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो सागारियस्स एगपयाए, सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। १०. सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो सागारियस्स अभिनिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। ११. सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए बाहिं सागारियस्स एगपयाए, सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए।


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