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करातीहीइसीधकारशीरदुखनारमतिघेटीकीमाहो| |mगुग॥गिलहिकमनर्थातकपरोटीकीयहक्रियाहै। एककोराकूडामेदवारचेवाकेम्परएकसकोगंधरकेचू नसेवाकोमुहवंदकरैोरकपडाभिजोकेवापरलपेटें औरमाटीलपेटकेटहरेसमयताईमसेसांचौरपेगगुण श्रीरजोपर्कवनाहीनोदवा बरयाकापानीडालनाम नमहै औरसवोषधी में कूमाकोमीठोपानीडालनाम |चित है परंतुहकनामेंधारीकूआकोपानीडालनाउत्तम हिमिकालहसबलव्यानसरकुलीयैमुन्नलकहम दवीये।अर्थात प्रथमषंडोषधीयोंसेलगहश्रेसवंक मेकेिपकर्णमें
फसलपहली ओषधी केधरणाकरने और उनकोवल कीसमयबाधने केयकमेंउन्नमविधीतोयहहै केजासस्थानकीजोत्र च्छी औषधीहीनीहीवही की काम में लावै औरइनकी को निघंटससमझलेतथावुमन औरदेशाटनीमनु पोकेमुषसेउदारणकरालेओरौषधीतरप्रस्थ नातथाचतगरमनथासतसीतलौरातहवादा र औरधरभाटीके प्रस्थान मेंधरनेसेनस्कावलजार नारहना है और विगडनानीहे ओरखुरीहोजाती है। सवषगट होय केओषधीकेतीनभेदहेंधातादिक काष्टादिक ओरजीवजंतुआदले केअथवाइमीनी नभेदों सेमतपतहोतीहाजमादाताअर्थातधाता। दिकवोहवस्तुहोती जिनकाननोपेड है-ओरजन में जानहैननके लैनका कोईसमयनही और मनकीपह
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