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घिस के मिला वै ॥ प्रार वत संजुवार का!! जो रुधिरथूकनेको र रुधिरकी वमन को और स्त्री धर्म को मोरे बवासीर के रुधिर बहने को दूर करे || विधि ॥ जुवारकीजड दो तोले। मीठे मनार । को छिलका। हद्दुल्लास। एक २ तोले। सुपेद चंदन चूरोनो भाशे । प्रौटा के छान के मक के पानी विबू र की ताजा पत्नी का ४ तोले। धसेर सुपेदधूरे की । चाशनी कर के शरवत बनाले || पारवत पानका || जोवित को प्रसन्न करे खोर इन्ट्री को बल दे और घरावतरी को दूरकरे ॥ विधि ॥ पक्के पान बंगला ना गदो सौ । महीन कतर के तथा कुट कर के । ९९ छटाँ कपानी में प्रोटावे और छान ले और छटाँक सुपे द कंद की चाशनी करै खोर होती चाशनी में । केसर राज वित्री । जायफल | छोटी इलायची के दाने २ माशेलों ग। ३ माशे गुलाव के शक में घोट के मिला है। प्रार वत अंगूर ॥ जो इन्ट्री को वल दे और चित्र को प्रस न करे और शरीर नजला करें ॥ विधि ॥ अंगूर को रस ९९छटॉक ची छटाँक सुपेद कंदकी चाशनी करै
रहोती चाशनी में सालिव मिम्मी। दो तोले। सलज म के बीजा वहमन । इन्द्र ओ । गाजर के बीजा छै२ माशे के बड़े अर्क में घोट के मिला दें। प्रारवतव र्द मुकर्ररी। जुलाव पिन्न का है और थोड़े से मादि। लमात्रा पिता की है और रुधिर की जलन को दूरा करे और तबियत को नरम करें ॥ विधि ॥ गुलाव | के फूल ताजा विने हुए छटाँक औरएक सेर
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