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॥अथवा ॥ चिडा तथा मुगी जीता फाड के बाँध देवै ॥ ॥अथवा ॥ साँप तथा मेंडका का मान्स वरावरपी सके लगावै ॥ जमाद || तोडे को काट के गिरावै।। विम धि॥ सजी। सूना। सिंदूर । चिडा की वीटा साबुन । वराव र लेके लेप करें। अथवा ॥] जा समें रोमदूर हो जायतब गाय का धी लगा के पीपल की पत्नी नरम नरम बाँधेओ फि र कभी न निकले ॥ चथवा । इस पर पचने लगा। सावन। सजी। चूनों | नींसादर! शिंग रफा बराबर लेके पीस के तिली को तेल मिला के लगा ये जब सब मुवाद दूर हो जा यनव घाव के भरने की ततवीरकरै ॥ अथवा ॥ सैमल | घार। अफीम लीला थोथा । सर्ज। ऊपर को धूम्रा वराव र लेके लेप करै।। अथवा ॥ यह लेप अत्यंत गुणदाय। कहै । चोक। लीला थोथा । सजी। नौसादर। काले तिल का तेल मिला के लगावै ॥ जमाद]] गरमीकी सूज नौर ओडों की पीड़ा और मैंनि की पीड़ा और इंट्री में और जांग चौरसव जोडो के बेटे मन को आज भूदायो भ है || विधि ॥ ईसव गोल बिना। पोस्त के डोडा चू रन करके पका के और थोडा गुल रोगन मिला केल गावै ॥ हरफुल ताय ॥ गुण तिला को मसूहभी कह ते है | फसल अठत्तर वी ॥ मस्तक से गरदन ताई के रोग दूर करने के तिला यों में ॥ तिला जो सरदी की साधा सीसी को दूर करें || ॥ विधि ॥ राई एकभाग मुनक्का दो भाग । सिरका में पीस के लगावै॥अथवा ॥ सोंठ२ माशे । मेंहदी के । हरे पत्ते १ तोले। पानी में पीस के लगावै ॥ भ्अथवा |
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