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जब मान्स गलजाय तव पोटली को अलग कर ले।। और मान्स को मल के पानी छान ले और यह वा स्तुजी रात्री केपानी भेंभिजो यराषी होंय सोडाले, और ५ सेर गाय को दूध ताजा मिला के अर्क बेंच लेखी रसिर नीचेपर ३ माशे केसर और छै माशे छोटी इला यची के दाने की पोटली बाँध के । गावजुवी के पत्ता | शु डहल के फूल सूखे। मामले। किशमिश । छुहारे । सेहभर को भूसरा विल्ली लोटन | गुलमंडी याधर याचा उस्तुषहूस । दाल चीनी । तज । तेज पाता मुलाव केफूल। कासनी के बीज। दोनों चंदेनों का चूरा । भ्वा वनूस को बुरादा । गोरू बडे । उन्नाव। गुल नीलो फर एकर छटाँका दोनों बहमन। दोनों तोदरी। दोनों मूसरी। इंदर जो । चार५ तोले डाले । प्रघट हो केजो। मान्स मत में उचित होय नहीं तथा हाथ न लगेली न स्केन भिला ने से कुछ गुण में हानेन होगी । जो मौ रसव वस्तु मिली होंयतो और जो विशेषवलबान क रनी होयतो नीलकंठ चारन को मान्स । मोर१० ममी । लान को मान्स वढावे ||
!फसल एकुसौ दसवी ॥
मायुश्शईरे ॥ प्रर्थात् ज को घोट मोर मायुल सलामर्थात् जडोका।। गुरा॥ वहुधा हकीमों की इस बात पर सम्मत है के घाने की दवाई में ओ के घाट से कोई उत्तम दवा नहीं है मोर इसमें १० प्रकार के गुण ९ सीतल करने वाला २ गाँठ वो / लने वाला३ कोठा साफ करने वाला ४ नदर की स
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