Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi

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Page 277
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २५० - रकरावडी इलायचीकेदानोवंशलोचनादो२ मा शोकेसरश्माशालेके चूरन करके कंठ मेंटपकावै यतिकेजोकोच्यापर पहुंचे।अथवा मसूर नोसादर गुलावकोजीरोवरावरलेकेका फसल एकसोनतीसवी मकूयातायतस्विसांदो में।मकृयाजरि एकंजओकलेजा कीगरमी को दूर करे और उदर और रकलेजाको वलघाप्त करे विधिाजरिश्कदैमा शाश्रमरलता के वीजाकासनीके वीज कुचल के चारमाशासुपेदमित्रीखेडतोलेलेकेकामलावै। नकृयाकहल्दीयाकमल वायकोचौरमासाNI रिकानसकी गाँठों कीदूर करे विधिकासनीछे|| माशासोफासोंफकी जडत्तीनरमाशीभकीयमा शासादहसिकंजवीदी तोलालेनीजनक्रयाजो |कालीकमलबायकोदूरक विधि।गुलावके फूलाविल्लीलोटनाचाररमाशा पिन्नपापडीन मरबेलतीनरमाशमुनक्कारतीलेासादहसिकंज दीदी तोलेलेनी।नक्रयाजोपिन्नज्वरको दूरक २विधिागावजुवा के पन्ने।वनफशा केपले। गुलनीलोफर।गुलावके फूल-चाररमाशोभालू पुरवारेमग९० भुपेदमित्री डत्तोले लेनाथ वासकासनीकेवीज कुचलकेनोंमाश।कुलफाक वीजकुचल के छैभाशशसेवती के फूल मात्रा लूपुरवारेनगाइमलीदोतोले।सुपेदमित्रीउडतो लेलेनीनकूयाजोईटज कफपित्तज्वरकोदूरक For Private and Personal Use Only

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