Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi

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Page 289
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २७० - लनेसे।और जोड़ों के चकडाने श्रीरवंभजान को तुर्नदूर करैयासे कैसवनोहोंपर काईधकारको तेललगावैतथा जाडों में गरम पानी में औरगरमी मेंसीतल पानी जाँघताईघडाहोयचौर वाहीतलका मिडकवै ओर वाकी शरीरपरपानी नपहचनेपावै हाथोंकीयजलीढरहोतीहे जोगरा मपोनी में नोन मिलाय कैघोडाले तोतुत घुजलीय तीरहै। इति॥ इतिकरावादीन हप्तानीका लायाउल्य/31 CM अर्थाततिवरत्नाकरनामग्रंप शल परमेश्वरकीदयासेपूराह पदमा और पूभाहनवम्बर ८ सनर को उपकर मनुथाके जरिए असन्नार्थ पहुना - - - - - For Private and Personal Use Only

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