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बलको वहावैऔर अग्नि को दीपन करै ओरताका सवडा ने में और ऐकांत व्रतीऔरज दूर करने में|| तुल्प नही रखती है।विधिहरा अवीधेमोती
गा। कहरवासात माशालाजधर्दनीमाशे। गावजुवाके पन्ने।रूमीपस्तंगी। कुलफाकेवीज रामतुलसी के वीजाकाइकेवीजारवीराकेची जॉकीभीगी।मीठेघीयाकै बीजोंकीमीगी। सुपेद चंदनाएकर तोले। वंशलोचनाछोटी इलाय। चीकेदाने।वालछडाकेसरछेरमाशासनेचा दीके वर्धनगवीस रामुपेद मिश्री॥छठाक की चाशनी में पाकृती वनालेगरवातमाजो
दो फसलोमिश्रिपथम फसलासरार ॥तिवाकेनुसरखों में दवा जोपुरानीबासीऔर पुरानी सोजाकचौरस्वासमोर सीतज्वर-औरत दर-ओरकलेजासोर तिल्लीश्रीरपेड के सीतके रोगों को दूर करें औरबल को बहावेधीरवीर्यको गाडीकर है।विधि॥बडीऔरसाफ सीपी जिस मेंमोतीमतपन्नहए हों भाग लेके चूरन करके श्रीरडरी को रोग भागमहीन पत्रों के दूकर कर के९माटीकी कुलीयामें गुबार पाठ को गेंदोभरके दोनों वस्तुडालेओबीच रहे औरकुलीयाको कपरोटीचडा के ९गडेला मारने कडाभर के कदे पीछे सीतलहोयजवनिकाले औरपीसके। रघोडे-बोरकरनीसे दीरक्षीलाई जीभपरधर केनिगलझायौरऊपरसे९वतासोपालेदवा
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