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शहन तथासुपेदकंदकेसंगोटाजवचाशनी। होजाय तवजतारले पुरखानामरेको जोदि लौरमस्तक औरजदर कोवलवान करै ग्रोर चिन्नकोप्रसन्नकरैऔर मुनासिववस्तोंकेसंगनी कोवडावे पोरकामदेवको प्रवल करै-औरभोजन को पचावै॥विधिहरेश्रामरेजोपकनेपरधागये हों। वासकी कीलीशेगोदके चूने के पानी में ग्रामको दुवारा३दिन पीछे निकाल के धोडाले औरथोडी सोजोस देके पानी निकाललेजवपानी कोलवलेश नरहे नवघोडे मेघी भून लेओरधीकीचिकनाई दूर करैसुपेदवूरेकी-बाशनी में डाल देजवचाशनीप मलीहोजाय तवंधा-वाशनी में घोडो और भीगे मिला के चाशनीकरै चौरजस्मेंामरेपराधेयाहीधका स्जवचाशनी पतलीहोजायाकरैतोउस्को गाडीकर लीया करैपुरखाहर्डकोजो पेट को नरम करे।। औरबाइकोदूर करें और उदरको वल घडावे॥विधि ॥हरीहर्डहीयतो अति उन्नम औरनही नोवडीरसूषी हई थोडे दिनपानी में भिजीरामेचौरवापानीकोबद लके और पानी में मोटावेजोछिलकाओरगुठली दोनोंनरमहोजाय पीछे-प्रामरेकेमुरचाकीतरह है। यारकरलेमरधापेटेको जोगरमीकेज्वरोको दूरकर औरवहधाकरके महीनज्वरोरहौलदिली औरगरमीकी मस्तक पीडा को दूरकरैह विधि ऐठेकोछीलकारके बाको कोगदोदूर करके और नमगदेकोजामें वीज होते है उस्कोपीसलेमोरवापा
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