Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२२०
-
-
-
कुल्ला।मजमजा॥जोजीभ और महकीम जनकोगुएरा करै विधिवनफशाकै पन्नामे पीअलसीके वीजा सुल्हटीमकोयानों२भाशा अंजीरनगाअमलतासकोग्दो ३ तोलायोटा केछान के गुनगुने सेकुलाकरें।
फसल एक सोतेरवी। मतदूखात निर्यातनदर। आतमांकलेजााताप तिल्लीचौरजलंधर के रोगों को दूरकरने केकाहों में गमतवखाजोदर के कफकोसोथकोगणकरै।। विधि पिलीयजरवरामस्तंगी। अजमोदाने सूतीनरमाशेपरशीयावशीसाफ कीजवापांच२ माशेमोटाकेलान के ५वारामकोलेसवडाकेलाल रोनोलेमिलाकेपीवेनथवाणयहरकीसूज नकोदूरकरै॥विधिसोफाअजमोदामकोयावर वरलेके मोटाके वादामकोशीरामौरलालदूरोवार केपीवेमतवूखाजोनदरको वलदेओरवमनः कोरोके॥विधिअनारदानानोमाशेमस्तंगीयो दीना। अगरानीनरमाश और रसोलेमिश्रीमि लाकेपीवमतवखाजोसंग्रहगीकोदूरकरे। ॥विधिनागरमोथाविलगिरी सूघोधनियोंने त्रवालासोंठापसासववरावरालेकैपक्रतीकैमा फिकमुपेदवूरोमिलाकेपीवेगमतवरवाजोति/ स्त्रीकीसजनकोदूरक विधिकोलीहीवडी हिडेतीनरमाशे।शाहताकासनी के वीज छैश्मा शे।कसमकेवीजरमाशाचालूवषारेकेदानेनग
-
-
-
-
-
-
-
-
-
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292