Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi
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हाविधिरामरतणीने पाँचरमाशासोंडाला अरवरकीजडतीनरमाशामजीठाचीतीशोरनजान माजीदा अजमोदामेथी। सोफाचाररमाशामुनका केदानेनगर५योटाके नोलेभरभंडीको तेलमि लाकेपीवे॥
फसूलएकसोसहरहवी॥ मनरवातदाफेहमैयाताअर्थानो।ज्वरादिक दूरा करने के कामीमतबूरवाजोकफञ्चाौर-चौ। थीयाज्वरदस्तों कोडागदूर करे विधिशाजरवरकी जडापिनपापडो।शुकाईकवावचीनी। चारमाशे। अमरवेलभाशोजवाहर्डछैमाशमुनक्काकेदानेन गर५-श्रीटा केर सिकंजवीन डालकेपीवशाभूतवूख
जोइकतराकोदूर करे॥विधिमुल्हटीज मोदासोफ कीडकोछिलका। पोचरमाश का ईमाशेपोदीना मस्तगीदो२माशासूषोधना यो।गुलावके फूलधारमाशोनोटाके तोलत रंजवीन भिलाकेपीवैगमतवरवा के कफज्चर कोदूरकरैजीसमोटारकेावैराविधिशावाल छडा अनेसासूसोधनियो।गुलावकेफ़्लावार२|| माशे।मस्तंगी दोभाशे। अफसनतीनाके वीजाश्रमा
लतांक अनवरकीजडाअजमोदकीअडासोंफर काकीजड़कीछिलका चाररमाशेशवडीहईमाशे मुनक्का के दानेनगमा शहतको गुलकंदतोलेश्रो गके दो तोलेमिर्कजवी मिलाकेपीवेमतवख जओचौथीयाज्वरकमलको नरम करकेनिकोले।
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