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ဂုဏ်
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लहड | मस्तंगी। अजमोद मने। अजमायना मज घर। मीठो कूट। काली मिर्च सोंठ। है२ माषो। लेकेटि कीया धनवै॥ कुर्स गुलाव ॥ जो जलंधर और उदर और कलेजा । यर तिवी मोर प्रतीसार को गुएा करें || विधि||गुलाब के फूल १तोले । गुलना र। जरिश्क | तंतडीका माई। थूका केचीजा कासनी के बीज | रामतुलसी। कुलफा के बीज चार २ माशे । नागरमोथा । फकाह। अजघर। बाल छड रेवतची नी। धुली लाघ । किन की जड़। कपूर दोर माशे। फी मरमाशे लेनी ॥ कुर्समजीठ ॥ जो तिल्ली की सू जन को सुरण करें | विधिं ॥ मजीठ।१तोले । जरा थं द तवील ।नों भाशे । रेवत चीनी माझे सुनों सुहागो माशे । खंजीर नगर सिरका में पीस के ष्टिकीया वनावे ॥ कुर्स अफसनतीन ॥ जो उदर के सोच की थी। डाको गुण करें | विधि ॥ फसनतीन रूमी य नेस | अजमोद । वरावर। लेके विकीया बनावै ॥ कु· र्स मस्तंगी || जोवमन और हिचकी । और जबाकी को गुण करें | विधि ॥ अगर। मस्तंगी एक र तोल पिस्ता के छिलका दो तोले। गुलाब के फूल डेट तोले लेने | कुर्स सोंठ || जो भ्वतीसार और मरोडा को । |गुण करें || विधि ॥ सोंठ। चेल गिरी। सूषो धनियाँ | सुपेदराला सब वरावर लेके टिकीघावनाये ॥ !! फसल सत्ताणवी ॥ इन्द्री के रोगों को दूर करने के कुर्सी में | कुर्स ॥ जयावि नस अर्थात् इन्ट्री के जोड घुल २ के मूत्र के द्वारा निकलैना
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