Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi
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को धारामकरनेवालीटिकीयाहै ॥ विधिमवंशलो चन५मागकुलफाकेवीजाकादकेबीजामातरमाशे चूकाके वीजागलावके फूलासूमोनियोगेरुतीन माशे।सुपेद चंदनागुलनारा तंतडीकोरमाशोकपूर रही। कुलफाकैपताकेरस में बनावैश्रीरधनारकेरस में ले अथवा॥हचल्लासाचूकाकैबीजाश्माशेष वंरकोगोंदागेई कोसन्नएकर तोलेलेके ईसवगील के लुभाव में वनावै कुर्सकाकनजागस्टेनोरम साने केघाव-सौरराधवहने कोचौरपेशवकीचिनंग कोदूरकरे॥विधिवीराककडीकेवीजोंकीमोंगी। घरबूजाकेधीजोंकीमीगी। कुलफाकैचीजधारमाशे। गुलावकेफूलावंशलोचनागेरुरगोंदागेंहूंकोसन्ताद न्मुलनधना कालीपोस्त के यने तीनरमाशेाभीठे वादामकीमीगीचिलमीजाकीमीगीदशरमाशोकाका नजश्तोलावीहदाने केलभाव बनावैकर्सकर वारुधिरकैपेशावको गुणदायकहाविधिकहरू वाश्माशोगुलनारालोवानागोंदानंतडीकातीनरमा शाअफीमधरतीलेनी।कुर्सलवुवागर्दे औरमसा नेकीराधोरघावों को साफ करके श्रारामकवित
गेहूंकोसन्तश्तोलारखतमीकेवीजावुचाजीकेवीजा कुलफा केवीजाअजमोदासोंफतीनरमाशोजमाय नधुरासानीनफीमराकरमाशार्फदककीमीगीचिल गोजाकीमीगी। मीठेवादाम कीमीगी।वीराककडीके वीजोंकीनीगीविरकीमीगी घरवूजाके बीजोंकीमी गी।मीठे घीयाकी मीगीमुल्हटीको सन्नाचूका केवी
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