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छटोंकपानी दरपावके में प्रोटावैजवपाल अंकपानीजलजायनवमल के पानीछानले।
और त्राहीपानी में छटाँक-औरफूलमिला केनौटायाही प्रकार३रएकररतलमा त्पारफूल मिलाकै पकावैनोरमलकैलान लेोरपीछेकीबेरपालटाकरोमिलाकेचा|| शनीकरैपघटहोयकेयाहीप्रकारसेजितने फू लविशेषकीयेजायंगतनी हीधवलताविशेषही गी॥धारवतुगुलावकैफूलकाजोपिन कोमादिलोरगरमी कोशाते करनेवाला और प्यासका बुझानेवालाहै विधिनाजा गुलाव केफूलपाछटाँक९९कटोकपानी में श्रीटावैभल| के छान ले औरपाछाकसुपेदपूर की चाशनीक
॥शरवतगुडहलाजोगरमीचह जानेकोदू रकर औररोकानीकै रोगकोदूरकरै भोरहोलादि लीकोमोवै और चहरेकीक्रांतिवहावैऔर अध्। करे ओरखदर औरसवताकतों को प्रवलकरहै। ॥विधिगगुडहल के फूलनगएकसो।सवजी। | भोरंजीरोंदूरकरकेतचौर९४ तोलेकागदीनीव करसमें पेहरभिजाकर छटॉकमुपेदमित्रीकी| चाशनीजोमेहयादरयावके पानी में वनीहोमिला वैश्रोरशीशी में भरकेमाधीशीशीषालीरहे-नी॥ रशीशीका हमोंमसेवंदकरकेनाडताई पानी। मेंडूवीराधेचारपाँचदिनजवनवाले और छानक शरवतशीशी मेंरा औरयहशरचनकिंचितपक्ष
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