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ने से भी नहीं फे के जाय ॥ जो मे वा नर है जेसें मालू वृषा और इमली तो भरके सर्दपानी में मीठो मिला के चा शनी करें और जो मीठी मे वा है जैसे उन्नाव और संजी र तो उन के कार्ड में मीठो मिला के चाशनी करे ॥ प्रथमा जूम बनाने की विधि। जो सब वस्तु वा को चूरन के यो ग्य हो तो चूरन करके मिठाई की चाशनी में जो गरमाग रमहो वामें मिला वै । और कुछ सौटाने के योग्यहो उनको प्रथम भिजोके सोटा के फिर वा काडे में मिठा ईमिला के चाशनी पका वैफिर वा में घूरन मिलावै ॥ और जो दूधादिक मिलाने हों तो चाशनी में मिला के एकजोश के पीछे दवा के चूरन को मिला के बना ले ॥ ॥अथइतरीफ ल॥ अर्थान सव लेह बनाने की वि घि हरड के चूरन को किसी चिकनाई में मकोय के मि लाले मासे उस्कावल देर माई रहता है और चाशनी भीनरम रहती है ॥ खमीरा और मुफर ह को माजूमकी तरह बनाते हैं और या कूती को भी मा जूम की तरह बना तेहेंगे परंतु जोजवाहरात के चूरन को मिला वैतोषय मचाशनी में मिला लेना उचित है जासेंसव चाशनी में मिलजाय और यही प्रकार से सोने चाँदी के वर्षभी-चू रन से प्रथम मिलाना नन्नम होता है के सब चाशनी में टूक होके मिल जावे ॥ और अवाहरात के चूरनक रने की यह विधिहै के याकूत आदि को शुद्ध करके म दीनकर के किसी पर्क के संग पाँच दिन नाईघरल में घोटे सौर जो दूसरी वस्तु अंवर। कस्तूरी आदि मिलाना होती मिलाके औरएक दिन घोटे ओर सुषा के पीछें।
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