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ने की पीड़ा और दूसरी पीड़ा और जोडों के जिट. बंद हो जाने को दूर करे ॥ विधि ॥ नीम की पत्ती । मकोय की पत्नी । समर वेल । सभालू के पत्ते । महु सा के पेड़ की छाल। सव वरा वर ले ॥ मनकवा ब) मंडकोसमोर इंद्री की सूजन को गुण दायक है ॥ विधि ॥सक मूनीयाँ तीन मासे । सोझे के वीज । मकोय के पत्ता । दोदो तोले। खूब कला । हेड। -या मले। एक २ तोले ले ॥ सनकवाव ॥ छाजन र्थात हाथ पाव के फटजाने को दूर करें | विधि॥नी म की छाल दो नोले । कडवा कहूं साधपाव । काय। फल तीन तोले ॥ हर्फवाय ताजी ॥ ॥ फसल सातवी ॥
वर्ण के नुसरवों में असल में यह वर्ष आशा है अग ले हकीम का बनाया हुच्सा है अव विशेष काम में लाने से वर्ष के नाम कर के प्रतिक्ष होरहा है ॥ व के सरदी और नजला और नेत्रों की स्पाही और भोर | श्राजाना और कान के शब्द को और लकुवा तथा पक्षाघात और कंपन वाय तथा मिर्गी और निद्राभू ल माली खूलीया अर्थात बावला पन और कमलवा योर पट्टों की निर्वलता और सर्वाग वात तथा मा सूडे का रोग तथा अह बुद्धि मुंह की वास तथा मुंह | मे लार वहना और बोस तथा रुधिरथूकना कफ की पीड़ा उदर की ओर जिगर की निर्बलता और ना ना प्रकार के जलंधर और वायकेशीघ्रस को गुरण। दायक है और विपाका जहर मोहरा है॥ विधि॥ का
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