________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
सेवन करे
१२४
के दाने | पोदीना । अनेसं । धनियों भुनों । कालोजीरो भुनो। सोठ । मस्तंगी। सद थराचर और सव की वरावर सुपेद वूरो लेना || सफूफ ।। वाय गोला और विशेष | डकार भ्याने कोदूर करै ॥ विधि|| मिर्च पीपर। सोंठ कालाजीराज मोद। हींग। सेंधानोंन । सव वरावर) लेके चूरन कर के राये चौरजैसा मुनासिव जाने जोभी जनके यादि अंत में ।। अथवा काली मिर्ची राज | माथन। मूली का बार। सव बरा वर लेके चूरन वनावै। | मोर थोडा २ घाया करें ॥श्रथवा ॥ सजी। जवाघार कारो नोन। सोंठ। कारो जीरो । बाबूना के फूल । सवव रावर लेके चूरन बनावै ॥ [1] फसल
तालीसवी
जो दस्त बंद करने के सफूफों में । सफ्फ। जो पेट के | नरम करने को दूर करै ॥ विधि ॥ तैतरीक। यजमाय ना सोंठ। अनारदानों भुनों। जरीएक बेर की गुठली की भीगी। सब बराबर - औरसव की वरा वरघूरो लेनों ॥ || सफूफ || जो दस्तों को बंद करें। विधि। गुलना र। बंबूर को गोंदभुनों । हद्दुल्लास। तंतरीक। गुलाब का जीरा । पाँच र मासे । भुनों नारदनों । नों मासे । श्र र सबकी वरावर सुपेद वूरो लेनों ॥ सफूफ ॥ जोसं ग्रहणी को दूर करें || विधि काली हर्ड भुनी ॥ तज वेल गिरी। भुनी सोफा पोस्त के डोडाभुने। सुपेदराल मरोरफ ली। धनियों नागर मोथा। ग्राम की गुठली । सव बराबर-सव की चरा वर सुपेद चूरो लेनों ॥ स थवा ॥ मोचरस | माई। धाय केफूलपाँच २ मासे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only