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ओरहिंदी मेंदारूओर मदकहते हैं औरवमर मुतलकअंगरीपारावको कहते हैं प्रत्येकवोली मयावनाने कैभेदनीरस्वाद औररंगरूपपर हैं।
सोरतीसरेदाजा गरमोरदूसरेदरजातर हैऔरजनावकाकोलहै केशरावदवा नहीं हें यह रोग है जोदकसारपीवैतोचितपसन्वरहै औरजो डोकोवलवानकीरमूवजारीकरैऔरत रीकोदुरकरे औरछिद्भीरग्रंथी कोषोले-नी रसुवैकोररुधिदाहोंने के प्रतापकरके जोभोजनकेआदि थोडीशरावपीकेभोजनक रनेकीपक्रतीडाले तोशरीरको मोटा करे और शरावकेपरपानीपीनानुकसान करैहे परंतुपा नी मिलाकेपीनागुराणकरैहै ओरविशेषशराव पीनेसे कंपनवाय औरनानापकारकेसीन के रोग औरवावरीपन औरहोलदिली यह सा वकोप्दाकरे है औरगुडकीशरावअंगरकीश गवल्पहीतीहै परंतुवासेगा न्यून हैऔर नुकसान में अधिक है औरजीजोशउठने केस मथ-पाठवाभागगुलावकेफूलमिला के पेंचे। तोगण में अधिकता और नुकसान मेंनून्यतामा जाता है।मथरवेसर्थातफारसी में गुलश बोदूसरेदरजामें गरम औरखुश्क है वागवाजी गलीनानापकारकाहोताहै औरफूलभी सुपेदा पीलेलाल औरवनफशाईहोताहैऔरजोवाके ||फूलको घेतोवादी औरमस्तककीमलामत।
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