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પૂર
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ये वकरात हकीमनें बनाया था था कारण करके यादें | यह नामधस्यो उद र को बल प्राप्त करें और जिगर मौ रतिस्ली और गुरदे कोवल दे और नर्सों कीगाँठ ओरग औरम साने की पथरी को दूर करे पेशावलगावे और हा ते ही जलंधर को गुरण दायक है। बिधि ॥ मीठेो कूट। सु ||पेट् मिर्च | पीपल | स्पाह् जीरा अजवर अर्थात् गन्धी | लडेट डेट तोले। पोदीना। ऊदविलसा। तजा अजमोद || वच । पिस्ता के छिलका एक २ तोले केसर छै मासे द | नाहन ले के पाक बना ले ॥ अथ अफलूनीया ॥ याकी सफल नरूमी हकीम ने चलाया जो नजला और पीडामोर रुधिर की उलटी और खून के ट्रस्न और वाय केशूल मोविसूची और प्रदर इन रोगों को वहुत मुरण दायक है || विधि ॥ सुपेट् मिर्च | पीपल । खुरासानीय जवायन । छै छै तोले। अफीम तीन तोले । कैसर डेढतो | ले। पहाडी अजमोद | वाल खरा दोको । अर्थात जंगली गाजर के वीज | तेज पाल। तज। हव विलसा | अकरकर नोनोमासे है ने शाहन में बना वे और है महीने पीछे । काम में लावै सोर वाके ऊपर से जो बाय पूल हो तो सो । या के वीजों का काढा दे और गुरदा की पीडा में खरबूजा | के वीजों का काढादे और उदर पीडा में मनीं को का डादे और सुरज के दर्द में सिकंजवी पीवै - और मसाने की पीडा में सौंफ को काढो पीवै सोर रुधिरके बंद करने में ततली को काडो पीना उचित है ॥ अरसतूं। या को मरस तूंनें बनाया या कारण से या का यह नाम र या गया | यों की पीड़ा को मोर पेट की पीडा को और वाय
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