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धि ॥वडीहडा छोटी हड। काली हड । एकताले । वहे डा। समले। सूषोधनीयों। तीन २ तोले। चूरन करके गाय को घी तथा वदाम रोगन में मकरो के चोन पाववूरो। औराहत की चाशनी करके मिलावे ॥ अथ त्री फलनस्तु खुदुसी ॥ मस्तक और त्वचा के रोगों को गुणदायक है। विधि॥ छोटीहड। वहेडा । आमले ती नश्तोले । अस्तुखुस गुलाव के फूलदा २ तोले / भ्रम रवेल खनीस्। विस्मी लोटन। चीता। एक २ मोलेति गुने शहर में मिलावे ॥ अथयत्री फल किंवीली || अर्थात् कमेले का अवलेह पेट के तीनों प्रकार केकी डों को मार के निकाले है। विधि वडीहड चहेडा । था मले। कमेला | दोर तोले। वायविडंग। मीठा कूट । एकभ तोले | इंद्रायन राई | मोघ्या । हल्दी छै२ मासे तिगुनेश हन में मिलावे ॥ प्रथमत्रीफल साट्।। उदर कोव लवान करे और मस्तक को ताकतदे और विगडे मल को नदर से साफ करे है ॥ विधि वडीहड । वहेडा मलेवरावर लेके खोरकूट छान के बदाम रोगन में मकरो के छै गुने भागलीयेभये शहन में मिलावै ॥ || फसल चौथी
अधारजात में यद्यपि इस के अर्थ तो बहुत से हैं परं । तु असली नाम रखने की यह है के यार असकमूनी या को कहते हैं मोर सक मूनी यायाका वडा भाग हैया कारण से वाही के नाम पर नाम रखा है और अगलेस मय के हकीमनें जुलाव से प्रथमयाको चलायाया ॥ अथ अथारज || वायकफके मुवाद को निकाले
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