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र पके आमलों को तोल करके पानी में पका वै और धू वमसल के उन की गुठली निकालडालें और फिरफि रे कपड़ा में छान के तांतू निक सजाय नव गुठली और ताँतू सोको तोल के प्रमलों की तोल मालूम कर ले पर गरमागरम चाशनी में और दूसरी बस्तों का चूरन मिलावे पर जो सूखे समले होतो अन की गुठली दूर करके तोल करलै सॉमलों को धोडा ले जो धूर माँटी से साफ हो जाय तव डुबान गाय के दूध में उन को भिजो वै चार पहर पीछे और पानी डालके सोटा वैजो साँ मलों का कसे लापन सौरदूध का गाडापन निकलआ यफिरदूसरे पानी में मोटा के क्रिया कीरीत सेवनाले ॥ प्रथगुलकंदवनाने की विधि। ताजे फूलों काजी रा और सबजी दूर कर के और पूरा सुपेद नथा लालस यवामिश्री तथा कंद को चूरन करके तथाशहन मेंम ल के और मीठा फूलों के ढाई गुनेलाई उत्तम है और चौ गुनेलाई डालते हें सौ विशेष मीठे से दवाई का वल घटजा ताहै और शहत में वना वैतो दस्तावर और वादकाफु लानेवाला सौर जोड़ों कीसफाई का कर ना हो जाता है ॥ मोरे दो प्रकार होता है एक तोधूप का दूसरा पनी ला पूले में मुला पेमिगत विशेष होती है सौ दूसरे में ठंडा ईमोरतरी विशेष होती है। और पहले किसम कोतो फूल मोर मिठाई को मिला के पंद्रह दिन नाई धूपमें रकवे मोरवीच २ में दोतीन वर थोडा २ मसलतोर है। परदूसरी प्रकार के में फूल और मीठेको मस ल के एक वासन में भर के चौथाई वासन घाली रहे
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