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(vi) डॉ.हीरालाल जैन जन्म शताब्दी समारोह का समारंभ जबलपुर में हुआ था । शतवार्षिक आयोजनों का समारंभ महाराज श्री के सान्निध्य में राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ अजमेर में प्रारंभ कर उच्चकोटि के वार्षिक उत्सवों की दुंदुभी बजाने वाले डॉ.भागचंद जैन 'भागेन्दु' का, मैं, मान सहित स्मरण रहा हूँ । वे पूज्य उपाध्यायश्री के कृपापात्र हैं और प्राच्य भ्रमण भारती और हमारी शतवार्षिकी प्रकाशन योजना के सेतु भी । इस योजना की पहिली पुस्तक के प्रकाशन पर उनके प्रति आदरपूर्वक आभार व्यक्त करना मेरा पहला कर्तव्य है । षट्खंडागम पर सोलह भागों में डॉ. हीरालाल जैन की कृति उनके सुयोग्य पुत्र, मेरे अग्रज और कुलपति आदरणीय प्रफुल्ल कुमार मोदी ने उपलब्ध करायी और आगम के ज्ञान की समझ और प्रस्तुत ग्रंथ-रचना सम्बन्धी सूझ भी दी । उनका आशीर्वाद सदैव मिलता रहा है। आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त नहीं किया जाता । उसे श्रद्धापूर्वक स्वीकार किया जाता है । इस स्वीकृति में मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है ।
जबलपुर १५.८.२०००