Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 01
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 10
________________ विषयसूची। १-प्राककथन ... . ... २-पौराणिक काल (ऋषभदेव और भरत) ३-अन्य तीर्थकर और नारायण त्रिपृष्ठ .... ४-पोदनपुरके मन्य राना.... ५-चक्रवर्ती हरिषेण ... ६-गम, वक्ष्मण और रावण ७-नाना ऐलेय और उसके वंशज ८-कामदेव नागकुमार .... ९-दक्षिण भारतका ऐतिहासिक काळ १०-भ० परिष्टनेमि, कृष्ण और पांडव ११-भगवान पार्श्वनाथ .... १२-महाराजा करकण्डु १३-भगवान महावीर .... १४-सम्राट् श्रेणिक, जंबुकुमार और विद्युञ्चर.... १५-नन्द और मौर्य सम्राट १६-मांध्र साम्राज्य १७-द्राविड राज्य ... .....११२ १८-पांड्य राज्य, चोल राज्य, चेर राज्य .... .....११५ १९-दक्षिण भारतका जैन संघ, जैन संघकी प्राचीनता ....१२९ २०-जैन सिद्धांत, श्वेताम्बर जैनी ....१३४ २१-श्री धरसेनाचार्य और श्रुत ऊद्धार .... ....१३७ २२-मुल संघ, श्री कुंदकुंदाचार्य २३-कुरक काव्य २४-उमास्वामी ( उमास्वाति) ....१४७ २५-स्वामी समंतभद्र ....१३९ ... ....१४३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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