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दण्डी स्वामी हँसानन्द जी महाराज गङ्गोत्री, चमोली गढ़वाल मण्डल (उत्तराखण्ड)
का आदेश है— भारत में रत्नों का ज्ञान अनादिकाल से चला आ रहा है । शुक्रनीति, अग्निपुराण आदि ग्रन्थों में भी रत्नों का वर्णन आता है । आयुर्वेद ग्रन्थों में भी रत्नों के द्वारा उपचार बताया गया है दूसरों की हित कामना से किये हुए रत्नों के विक्रय से भगवान् भी प्रसन्न होकर सहायक होंगे ।
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