Book Title: Rajputane ke Jain Veer
Author(s): Ayodhyaprasad Goyaliya
Publisher: Hindi Vidyamandir Dehli
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धन्यवाद हिन्दी विद्या मन्दिर के स्थापन में धर्मनिष्ठ महावीरप्रसादजी जैन और आयर्वेदाचार्य भाई मामनचन्द प्रेमी ने अत्यन्त परिश्रम किया है। और निम्न दानी महानुभावों ने इस संस्था के प्रकाशन विभाग में द्रव्य की सहायता दी है, इस कृपा के लिये हम उनके अत्यन्त कृतज्ञ हैं।
-व्यवस्थापक .' ५०] श्री० लाला कांशीराम हंसराज ओसवाल, सदर देहली। ५०1" " धमण्डीलाल नन्हेमल कसेरे " ।
" " कुंजीलाल कुन्दनलाल भाड़वी,नयावाजार:
श्री० वाव गिरधरलाल रिटायर्ड पोष्टमास्टर. देहली.। ५०) श्री० लाला मुन्नूमल साहब जौहरी देहली। ५०) जैनसमाज पानीपत मा० ला० रूपचन्द गार्गीय । ३६) श्री० लाला जैनीलाल काराजी चावड़ी बाजार देहली।
" चौधरीबलदेवसिंह सर्राफ दरीवाकलां देहली। २४ " बाबू नेमिदास शिमलेवाले
लाला अमानतराय निरंजनसिंह कटरा धूलिया । " कबूलसिंह मंगतराय पहाड़ी धीरज देहली। " मालीरामसाँवलदासघण्टेवाले हलवाई है।
रखनलाल सुलवानसिंह जौहरी देहली। ' १०. " कुड़ियामल बनारसीदास सूतवाले सदर"।
" नाहरसिंह १० ॥ " दौलतराम गार्गीय कटरा धूलिया देहली।
" " देशराज करोड़ीमल " १० " " गंगाराम गगनमल " " 5. चन्दुलाल : . देहली।
" :शिवनाथराय पहाड़ीधीरज देहली ५) ” बाबू रामचन्द्र जैन बी०ए०"
" " उमरावसिंह कटरा धूलिया देहली .. ६) जैनसमाज छपरौली जि०मेरठ मा० ला० मंगतरायजैन।
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