Book Title: Prakrit Bhasha Prabodhini Author(s): Sangitpragnashreeji Samni Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 6
________________ कृतज्ञता इस कृति की रचना की पृष्ठभूमि में तेरापंथ धर्मसंघ के अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी एवं साध्वी प्रमुखाश्री की प्रेरणा एवं आशीर्वाद रहा है, जिसके फलस्वरूप ही यह मेरा लघुप्रयास सुधीजनों के सम्मुख कृति के रूप में उपस्थित है। मैं अंतस्तल से आचार्य श्री व साध्वी प्रमुखा श्री के प्रति श्रद्धावनत हूँ । साध्वी मंगलप्रज्ञाजी (पूर्व कुलपति, जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय) की सतत प्रेरणा एवं मार्गदर्शन को प्राप्त कर, मैंने इस पुस्तक को निबद्ध करने का प्रयास किया है। अतः मैं साध्वीजी के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ । वर्तमान कुलपति समणी चारित्रप्रज्ञाजी के प्रति भी हार्दिक आभार ज्ञापन, क्योंकि कुलपति महोदया की अनुज्ञा से 'प्राकृत भाषा प्रबोधिनी' पुस्तक के रूप में जन-सामान्य के समक्ष प्रस्तुत है । जैन विश्वभारती संस्थान के संस्कृत एवं प्राकृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. जगतराम भट्टाचार्य के प्रति श्रद्धावनत हूँ, जिनसे समय-समय पर मिले महत्त्वपूर्ण निर्देशन से लाभान्वित होकर, मैं इस कार्य को पूर्ण करने में सक्षम हो सकी हूँ । इसी विभाग के पूर्व सहाचार्य डॉ. जिनेन्द्र जैन की आभारी हूँ, जिन्होंने सतत सहयोग प्रदान किया । वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रो. दामोदर शास्त्री के मार्गदर्शन में इस कृति को संशोधित और परिवर्द्धित किया गया उनके प्रति हार्दिक कृतज्ञता । इसी विभाग में सहायक आचार्य के रूप में कार्यरत डॉ. सत्यनारायण भारद्वाज के उल्लेखनीय सहयोग के प्रति साधुवाद। टंकण कार्य को श्री सुनील कुमार महतो ने बड़े मनोयोग से किया, वे धन्यवाद के पात्र हैं । प्रस्तुत कृति में सहयोग प्रदाता समस्त समणीवृन्द, मुमुक्षु बहिनों के प्रति भी आत्मीय कृतज्ञता । विशेषतः इस कार्य में समणीनियोजिका डा. समणी ऋजुप्रज्ञाजी का सतत आशीर्वाद एवं स्निग्ध प्रेरणा मिलती रही, उनके चरणों में मेरा नमन । अग्रिम आभार उन जिज्ञासु पाठकों एवं विद्वानों के प्रति भी है, जो इस पुस्तक को गहराई से पढ़कर, मुझे अपनी प्रतिक्रिया, सम्मति आदि से अवगत करायेंगे तथा इसके अग्रिम संशोधन-परिवर्द्धन में समभागी होंगे। समणी संगीत प्रज्ञाPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 88