Book Title: Prakrit Bhasha Prabodhini
Author(s): Sangitpragnashreeji Samni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 54
________________ 45 प्राकृत भाषा प्रबोधिनी अन्य पुरुष : एकवचन सा पढइ वह पढती है। मित्तं पढइ मित्र पढता है। बालो पढइ बालक पढता है। बहुवचन ताओ पढन्ति वे पढती हैं। मित्ताणि पढन्ति = मित्र पढते हैं। बाला पढन्ति = बालक पढते हैं। (ख) क्रियारूप (भूत काल) पढ (क्रिया) + ईअ = पढीअ उत्तम पुरुष : एकवचन अहं पढी अहं खेली अहं चली मैंने पढ़ा। मैंने खेला। मैं चला। बहुवचन अम्हे पढी अम्हे खेली अम्हे चली हमने पढ़ा। हमने खेला। हम चले। मध्यम पुरुष एकवचन तुमं पढी तुमं खेली तुमं चलीअ तुमने पढ़ा। तुमने खेला तुम खेले। तुम चले। तुम्हे पढीअ तुम्हे खेली. तुम्हे चली तुम सबने पढ़ा। तुम सबने खेला। तुम सब चले।

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