Book Title: Prakrit Bhasha Prabodhini
Author(s): Sangitpragnashreeji Samni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 76
________________ प्राकृत भाषा प्रबोधिनी प्र. दहिं, दहि, दहिं द्वि. दहिं तृ. दहिणा च. दहिणो, दहिस्स पं. दहिणो, दहित्तो, दहीओ, दहीउ, दहीहिंतो ष. दहिणो, दहिस्स स. हिम्म सं. हे दहि प्र. महुँ, महुहुँ द्वि. महुं इकारान्त दहि (दधि) शब्द स. महुम्मि सं. हे महु तृ. महुणा च. महुणो, महुस्स पं. महुणो, महुत्तो, महूओ, महूउ, महूहिंतो ष. महुणो, महुस्स प्र. एगो, एगे द्वि. एगं च.ष. एगस्स - - दहीइँ, दही, दहीणि दहीइँ, दही, दहीणि दहीहिं, दहीहिं, दहीहि दहीण, दहीणं उकारान्त महु (मधु शब्द - दहित्तो, दहीओ, दहीउ, दहीहिंतो, दहीसुंतो दहीण, दहीणं दहीसु, दहीसुं हे दहीइँ, दही, दहीणि महूई, महूइँ, महूणि महूई, महूइँ, महूणि महूहि, महूहिं, महूहिं महूण, महूणं महत्तो, महूओ, महूउ, महूहिंतो, महूसंतो महूण, महूणं महूसु, महू हू, महूइँ, महूणि संख्यावाची पुंलिंग एग (एक) शब्द एगे एगे, एगा एगण्हं, एगह, एगेसिं 67

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