Book Title: Prakrit Bhasha Prabodhini
Author(s): Sangitpragnashreeji Samni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 55
________________ 46 अन्य पुरुष : उत्तम पुरुष : मध्यम पुरुष : सा पढीअ मित्तं पढीअ बालो पढीअ ताओ पढीअ मित्ताणि पढीअ बाला पढी अहं पढि अहं खेलिहिमि अहं चलिहिमि अम्हे पढिहामो अम्हे खेलिहामो अम्हे चलिहामो पहि खेल तुमं चलिहि एकवचन तुम्हे पढिहित्या तुम्हे खेलहिया तुम्हे लिहित्या = = (ग) क्रियारूप ( भविष्य काल ) = बहुवचन ॥ एकवचन = = = बहुवचन = = - एकवचन = || = बहुवचन || = = प्राकृत भाषा प्रबोधिनी उस (स्त्री) ने पढ़ा। मित्र ने पढ़ा । बालक ने पढ़ा। उन (स्त्रियों) ने पढ़ा | मित्र ने पढ़ा। बालक ने पढ़ा। पढ + इ + हि + प्रत्यय मैं पढूंगा । मैं खेलूंगा । मैं चलूंगा । हम पढ़ेंगे। हम खेलेंगे। हम चलेंगे। तुम पढ़ोगे | तुम खेलोगे । तुम चलोगे । तुम सब पढ़ोगे | तुम सब खेलोगे। तुम सब चलोगे ।

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