Book Title: Prakrit Bhasha Prabodhini
Author(s): Sangitpragnashreeji Samni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 56
________________ प्राकृत भाषा प्रबोधिनी अन्य पुरुष: एकवचन सा पढिहिइ उस (स्त्री) पढ़ेगी। मित्तं पढिहिइ मित्र पढ़ेगा। बालो पढिहिइ बालक पढ़ेगा। बहुवचन ताओ पढिहिन्ति वे (स्त्रियां) पढ़ेंगी। मित्ताणि पढिहिन्ति = मित्र पढ़ेंगे। बाला पढिहिन्ति = बालक पढ़ेंगे। (घ) क्रियारूप (आज्ञा/इच्छा) पढ + प्रत्यय उत्तम पुरुष : एकवचन मैं पढूं। अहं पढमु अहं खेलमु अहं चलमु मैं खेलूं। मैं चलूं। बहुवचन अम्हे पढमो अम्हे खेलमो अम्हे चलमो हम सब पढ़ें। हम सब खेलें। हम सब चलें। मध्यम पुरुष: एकवचन तुमं पढहि तुमं खेलहि तुमं चलहि तुम पढ़ो। तुम खेलो। तुम चलो। बहुवचन तुम्हे पढह तुम्हे खेलह तुम्हे चलह तुम सब पढ़ो। तुम सब खेलो। तुम सब चलो।

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