Book Title: Prakrit Bhasha Prabodhini
Author(s): Sangitpragnashreeji Samni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
64
.
प्र. वहू द्वि. वहुं
तृ. वहूआ, वहूअ, वहूइ,
वहू
च. वहूआ, वहूअ, वहूइ,
वहूए
पं. वहूआ, वहूअ, वहूइ
वहुए, वहुत्तो, वहूओ, वहू, वहूहितो
ष. वहूआ, वहूअ, वहूइ
वहूए
स. वहूआ, वहूअ, वहूइ,
वहूए
सं. हे बहु, हे बहू
प्र. माआ, माअरा
द्वि. माअं, माअ
ऊकारान्त स्त्रीलिंग वहू (वधू) शब्द
बहूअ, बहूओ, वहू
वहूअ, बहूओ, हू
बहूहिं, वहूहिं, वहूहि
हे घेणू, हे घेणूओ, हे धेणू
तृ. माअराइ, माअराए, माअराअ, माआए,
प्राकृत भाषा प्रबोधिनी
वहूणं, वहू
हे वहू, हे बहूओ, हे वहू
ऋकारान्त स्त्रीलिंग माआ/माअरा / माउ (मातृ) शब्द
माअरा, माअराउ, माअराओ,
माआ, माआउ, माआओ,
माऊ, माऊउ, माऊओ माअरा, माअराउ, माअराओ, माआ, माआउ, माआओ, माऊ,
बहुत्तो, बहुओ, बहुउ वहूहिन्तो, वहूसुन्तो
वहूणं, वहूण
वहूसुं, वहूसु
माऊउ, माऊओ
माअराहिं, माअराहिं, माअराहि,
माआहिं, माआहिं, माआहि,

Page Navigation
1 ... 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88