Book Title: Pragnapana Sutra Part 04
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 13
________________ क्रमांक विषय तेतीसवां अवधि पद १. २. ३. ४. अर्थाधिकार गाथा भेद द्वार विषय द्वार संस्थान द्वार आभ्यंतर द्वार देश सर्व अवधि द्वार शेष द्वार चौतीसवां परिचारणा पद २४८-२६३ अनन्तरागत आहार द्वार आभोग अनाभोग आहार द्वार ५. ६. ७. १. २. ३. ४. ५. ६. ७. अल्प बहुत्व द्वार पेतीसवां वेदना पद १. २. पुद्गल ज्ञान द्वार अध्यवसाय द्वार सम्यक्त्व अभिगम द्वार परिचारणा द्वार ३. ४. अर्थाधिकार गाथा शीत आदि वेदना द्वार शारीरिक आदि साता आदि ५. दुःख आदि ६.. आभ्युपगमिकी और औप क्रमिकी के द्वार [12] पृष्ठ संख्या क्रमांक २३३-२४७ ४. Jain Education International समुद्घात काल चौबीस दण्डकों में समुद्घात २३३ २३३ २३४ २४१ २४४ २४५ २४६ २६४ २६५ २६८ २६९ २७० ७. निदा-अनिदा वेदना द्वार छत्तीसवां समुद्घात पद २७५ - ३४० १. समुद्घात के भेद २७५ २. ३. ६. २४८ २५० २५१ २५५ २५५ २५६ १२. २६२ २६४-२७४ ७. .८. ९. १०. ११. १३. १५. २७० | १६. २७१ १७. विषय एकएक जीव के अतीत-अनागत समुद्घात नैरयिक आदि भावों में वर्तते हुए एक एक जीव के अतीत १८. अनागत समुद्घात चौबीस दण्डकों में बहुत्व की अपेक्षा अतीत आदि समुद्घात समवहत और असमवहत जीवों के समुद्घात वेदना समुद्घात आदि से समवहत जीवों के क्षेत्र, काल १४. केवली समुद्घात क्यों और क्यों नहीं ? एवं क्रिया केवलि समुद्घात समवहत भावितात्मा अनगार के चरम निर्जरा पुद्गल अल्पबहुत्व ३०३ • कषाय समुद्घात के भेद ३११ चौबीस दण्डकों में कषाय समुद्घात: ३११ छाद्मस्थिक समुद्घात ३१७ चौबीस दण्डकों में छाद्मस्थिक आवर्जीकरण का समय केवली समुद्घात की प्रक्रिया केवली द्वारा योग निरोध का क्रम योग निरोध के बाद सिद्ध होने तक की स्थिति पृष्ठ संख्या २७६ २७७ / १९. सिद्धों का स्वरूप For Personal & Private Use Only २७९ २८६ २९८ ३१८ ३२० ३२९ ३३१ ३३३ ३३३ ३.३५ ३३७ ३४० www.jalnelibrary.org

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