Book Title: Pradyumnakumara Cupai
Author(s): Kamalshekhar, Mahendra B Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 30
________________ सिंघजूझ यो जाणइ घणउ, यह पीतियउ आहि तुमि तगड -४४८ तुहि नारायण हलहर भए, छल करि फूणि कुंडलपुर गये । तबहि बात जाणी तुम्होतणी, चोरी हरी आणी रुक्मिणी ४७२ गोम्व गहे तक करहि पुकार, डोम होम हुइ रहे अपार | हाथ अलावणि सिंगा लए, हाट चोहटे सब परिरहे । ६४४ मात तणउ वयण निमुणे, तव प्रतिउतरु कंद्रपु देइ । लावणरूप सरीरह सारु जम रूठे सो होइ हैं छारू ६८४ भूमिका सिधलु जूझ अ जाणइ घणउ, ए छड़ पीतरी तुम्ह तगड, तुम्हि नारायण हलधर हूया, छल करि कुंडनपुरि गया, सयल वात जाणी तुम्हतणी, चोरी हरी आणी रुखमिणी - ५०१ Jain Education International ग्रीस ग्रही तब करइ पुकार, ब ब अम्हे ह्या अपार, हाथ आलवणि सींगा लीयां, हाथ चटा सवि भरि गय - ६८२ मायतणा वयण निसुणेय, कुमर प्रदिमन ऊतर देय -- ७४४ लावन्य रूप शरीरह सार, जिम रूठइ तु हूइ सहू छार, आम तो अहीं ढगलाबंध उदाहरणो आपी शकाय एम छे. पण ए रीते घणो ज विस्तार यह जाय, तेथी नीचे में शब्द अने अर्थनी दृष्टिए सरखी लागती कडीओना मात्र संख्पांको जनोभ्या छे. प्रथम संख्यांक कवि सधारुनी कृतिनो समजवो अने तेनी साथेनो बीजो संख्यांक वा. कमलशेखरनी कृतिनो समजवो. २३ १६-९ : २०–१५ २२-१७, २३ थी २४-१८ थी १९:२६ थी २९-२१ थी २४ २१ थी ३३-२७ यी २९, ३५ थी ५०- ३० थी ४५ ५१-४० ५५ थी ५६-४९ थी ५०, ५९-५६ ६१-५७ ६९ थी ७१- ६३ थी ६५ ७६ थी ७८ ७० थी ७२ ८४ थी ८८-७६ थी ८० ; १२९-१३७ ; ; ; ८९ थी ९१-८९ थी ८३, ९२ अने ९३-८४ ९४ थी ९९-८५ थी ९०: १०१-९५ १०६ थी १११-१०१ थी १०५, ११२ ११९, ११३-१२०, १२०-१२६ १३१ - १३८ ; १३२ - १३९ : १३६-१४१ अने १४२ ११८ अने १३९-१४४ अने १४५ ; १४२ - १४९ १४८-१६१; १५० अने १५१-१६३ अने १६४ १५३-१६६ : १५४-१६६, १६७ १६२-२२२ ; १६४-२२४; १८२-२४१ १८५ अने १८६-२४४ थी २४६ १८८-२४८ १८९-२५० ; १९०-२५१ थी २५२ : १९१-२५३ ; १९२-२५४; १९३ - २५४; १९३-२५४ अने २५५; १९४-२५५; १९८-२५८; १९९-२६०; २०१२६१; २०४-२६६ ; २०८-२६७; २०९२६८ : २१०–२६९ २११-२७० २१५ २२१-२७२ थी २७९ २३५-२८९ श्री २९१ २१८-२९२ २४१ - २९६ २४४-२९९ थी थी २४७ - ३०१ थी ३०३ २४९ अने २५०-३.६ अने ३०७, ; २५६- ३११ ; २५०-३१२ । २५८-३१२ २६४-३१८ २६५ थी २७५ - ३२० थी ३३०; ; ; २५५-३१० २६२-३१७ ; For Private & Personal Use Only ; २३३ थी ३००; २४५ २५२-३०८: २५९ - ३१३ ; २७७ अने www.jainelibrary.org

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