Book Title: Pradyumnakumara Cupai
Author(s): Kamalshekhar, Mahendra B Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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नवतत्व चोपाई
१३
जिहां जिहां जातां माग ज थाइ आकाशास्तिकाय ते कहिवराइ समइ आदि सागरोपम जाणि दसमु प्रवर्तन काल वखाणि पुद्गलास्ति हिवइ कहीइ तेय पूरण-गलण-सभाव छइ जेय च्यार भेद पुद्गलना हूया खंध देस प्रदेस परिमाणआ खंध ते आखु कहिवाइ ऊणेरु ते देसह थाइ तेह थकी अति थोडु होइ प्रदेस भेद तेह तूं जोइ एक खंडथी बि नवि थाइ चउथु भेद परमाणु' कहवाइ पुद्गलास्ति वलि कहीइ जेय च्यारसई ब्यासी भेदह तेय अजीवतणा चऊद भेद हुआ पुण्यतत्त्वि बयतालीस जूया साता सुख कहीइ जेतलं देव-मनुष्य-तिरि-आऊटुं भलं सुरनरगति आनुपूर्वी भली अदारिक वैक्रय गुणनिली देव नारकी वैक्रय होइ बीजा जीव अदारिक जोइ आहारक शरीर चऊदपूरवी करइ तेजस कार्मण सवि जीव धरइ पंचशरीर कह्यां ए अंगि प्रथम त्रिहुंना2 अंगोपांग पंचेंद्रीपणुं लहइ जे सार वरण सेत रत्त पीत उदार गंध अपूरव हुइ जेय मधुर खट्ट कषाय रस तेय हलूउ सुंहाल चीगटु
ऊहनु फरिस रूडु सामटु वज्र रिखभ नाराच संघयण समचतुश्र संठाणह जेण वज्र कहि जइ खीली होइ रिखभ अरथ पाटु ते जोइ नाराच बिहुँ पासे आंकुडा समचुरस संठाणह वडा त्रस बादर थिर प्रत्येक नाम पर्याप्ति आदेय ज ताम सुभग नाम सुभ रूडु तेह सुसर नाम जस हुइ जेह तीर्थंकर निर्माणह नाम अगुरुलघु आतप अभिराम उद्योत पराघात सुभ सास सुभगति गोत्र उच्चेरह तास पुण्यतणा बयतालीस ह्या पापतणा ब्यासी जूजया मतिन्यान बीजुं श्रुतन्यान अवधिन्यान मनपर्यवन्यान 1. परिमांण 2. तिहुँना
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