Book Title: Pradyumnakumara Cupai
Author(s): Kamalshekhar, Mahendra B Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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चतुर्थ सर्ग मेघनाद घनघोर कति जल थल महीयलि नीर भरंति पाणी आगि उल्हाणी ताम यादवसयन वही जाइ गाम ५५९ रहवर छत्र जे दीसइ भला पाणी प्रवाही सयल वही वल्या हयग[य] वाहणि वहइ विसेस राय रांणा पाला पुलइ जेस ५६० तव पचारि बोलइ गोपाल कइ ए सुक-मंगलनी चाल नारायण मनि थयु संदेह किहां हूतु ए वरसइ मेह नारायण अचंभु करइ
मारुतबांण हाथिइ तव धरह मेल्हउ बांण वायर्नु! जाम नाठा मेघघटा सवि तांम वाई सयल सैन्य धडहडइ ऊडी छत्र महीमंडलि पडइ चाउरंग दल ऊडिउ ते जाइ हय गय रहवर माठू थाइ ५६३ तव पजून कोप मनि कीयु परबतबांण हाथि करि लीयु मेल्हउं बाण रणि जाइ वहिउ रुधि वायनइ2 आड रहिउ ५६४ कोपिउ द्वारिकांतणउ नरेस पजून पराक्रम दीठउ वसेस . . वज्र प्रहार करइ तव सोइ परबत फाटि खंडोखंडि होइ ५६५ देवनुबांण कुमरि हाथि लीयु नारायण सांम्हउ मूकीयु तव केसव मनि विसमु होइ एहनुं चरित्र न जाणइ कोइ ५६६ मइ हणि जीतु कंस पचारि जरासिंधु मइ घालिउ मारि मइ सुर-असुर साथि रण वहिउ एह गिरूयु जे रणि अडि रहिउ ५६७ तव धनुष नाखी गोपालि चंद्रहास करि लीयु संभालि वीज सरिखु झलकइ करवाल जाणे जीभ पसारी काल ५६८ जव ते खड्ग हाथि करि लीयु चंद्ररयण डावइ करि दीयु रथथी ऊतरि चाल्यां6 भड जांम त्रिणि खंडा अकुलाणां8 ताम ५६९ इंद्र चंद्र फणधर खल्या जाणे गिर-परबत टलटल्या कृष्ण कोपि रणि धायु10जांम रूपणि मनि आलोचइ ताम ५७० 1. थायन 2. वीयनइ3. वज्र 4. देवतु 5. जेणे 6. चल्या 7, खड़ 8, अकुलाण 9. जोणे 10. धायु
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