Book Title: Paia Sadda Mahannavo
Author(s): Hargovinddas T Seth
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 14
________________ संकेत ग्रन्थ का नाम सस्करण आदि जिसके अंक दिए गए हैं वह पक्खि पक्खिसूत्र महापच्चक्खाणपयन्नो पंचप्रतिक्रमणसूत्र गाथा पडि पद श्रुतस्कन्ध, द्वार परण पएह पभा पव पएणवणासुत्त प्रश्नव्याकरणसूत्र पच्चक्खारणभाष्य प्रवचनसारोद्धार गाथा + द्वार भीमसिंह माणेक, बम्बई, संवत् १९६२ शा. बालाभाई ककलभाई, अहमदाबाद, संवत् १९६२ १ जैन-ज्ञान-प्रसारक-मंडल, बम्बई, १९११ २ प्रात्मानन्द-जैन-पुस्तक-प्रचारक-मंडल, प्रागरा, १९२१ राय धनपतिसिंह बहादुर, बनारस, संवत् १६४० आगमोदय-समिति, बम्बई, १९१६ भीमसिंह माणेक, बम्बई, संवत् १९६२ १ संवत् १९३४ २ दे. ला० पुस्तकोद्धार फंड, बम्बई, १९२२-२५ प्रात्मानन्द-जैन सभा, भावनगर, संवत् १९७४ * बी. बी. एण्ड कंपनी, भावनगर, संवत् १९७३ गायकवाड ओरिएण्टल सिरीज, नं. ४, १९१७ डा. प्रार् . पिशेल कृत, १६०० * एसियाटिक सोसाइटी, बंगाल, कलकत्ता, १६०२ १ हस्तलिखित २ दे० ला• पुस्तकोद्धार फंड, बम्बई, १९२२ गाथा पृष्ठ प्रज्ञापनोपाङ्ग-तृतीयपदसंग्रहणी पाइपलच्छीनाममाला पार्थपराक्रम ग्रामेटिक् देर् प्राकृत स्प्राखन् प्राकृतपिंगल पिंडनियुक्ति वैरा गाथा पिडभा पुप्फ प्रति प्रयौ पिडनियुक्तिभाष्य पुष्पमालाप्रकरण प्रतिमानाटक प्रबोधचन्द्रोदय प्रतिज्ञायौगन्धरायण प्रव्रज्या-विधान-कुलक प्राकृतसर्वस्व (मार्कण्डेयकृत) इन्ड क्शन टु दि प्राकृत प्राकृतप्रकाश गाथा. पूष्ठ प्राप प्रामा प्रारू प्रासू प्राकृतमार्गोपदेशिका प्राकृतशब्दरूपावली प्राकृतसूक्तरत्नमाला बालचरित बृहत्कल्पभाष्य भगवतीसूत्र जैन-श्रेयस्कर-मंडल, म्हेसाणा, १९११ त्रिवेन्द्र-संस्कृत-सिरीज निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, १९१० त्रिवेन्द्र-संस्कृत सिरीज + हस्तलिखित विझागापटम्, विशाखापट्टणम् पंजाब युनिवर्सिटी, लाहौर, १९१७ *१ डा. कावल-संपादित, लंडन, १८६८ * २ बंगीय-साहित्य परिषद्, कलकत्ता, १९१४ • शाह हर्षचन्द्रु भूराभाई, बनारस, १९११ • सेठ मनसुखभाई भगुभाई, अहमदाबाद, संवत् १९६८ जैन-विविध-साहित्य-शास्त्र-माला, बनारस, १६१६ त्रिदेन्द्र-संस्कृत-सिरीज हस्तलिखित .१ जिनागमप्रकाश सभा, बम्बई, संवत् १९७४ २ हस्तलिखित ३ आगमोदय समिति, बम्बई, १९१८-१९१६-१६२१ १ जैन-धर्म-प्रसारक-सभा, भावनगर, संवत् १९६६ २ शा. बालाभाई ककलभाई, अहमदाबाद, संवत् १९६२ देवचन्द लालभाई बाल गाथा पृष्ठ उद्देश शतक, उद्देश भत्त भत्तपरिएणापयन्नो गाथा भववृकथा भवभावनावृत्तिकथा + द्वार-प्रारम्भ के पूर्व के प्रस्ताव के लिए 'पर्व' के बाद केवल गाथा के अंक दिए गए हैं। +श्रद्धेय श्रीयुत के.प्रे. मोदी द्वारा प्राप्त । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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