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पूर्व की संख्या से विशेषाधिक है । उससे ० वायु काय असंख्यगुण और वनस्पतिकाय अनन्तगुण । हे परमात्मा! ये सभी भावो को मैंने अनंतीबार प्राप्त किये है । अब हमे क्षायिकभावो में स्थिर करे ।
| श्री लघु संग्रहणी ) असंख्य द्वीप समुद्र के बीचमें रहे हुओ इस द्वीप में जम्बूवृक्ष के आकार का पृथ्वीकायमय शाश्वत स्थिर अकृत्रिम महाजम्बू वृक्ष है । उसके आसपास ( 12050120 ) दूसरे शाश्वते वृक्षो से बना हुआ जम्बूवन है
और इस द्वीप का अधिष्ठाता अनादृत देव जो जम्बूवृक्ष के उपर रहता है इसलिए इस द्वीप का नाम जम्बूद्वीप है । ० जम्बूद्वीप की लम्बाई और चौडाई - ओक लाख योजन ० जम्बूद्वीप की परिधि • 316227 योजन, 3 कोश, 128 धनुष्, 13 अंगुल ० जम्बूद्वीप का क्षेत्रफल - 7905694150 योजन , अककोश, 1515 धनुष, 60 अंगुल,
। सात - वासक्षेत्र और वर्षधरपर्वत ) वासक्षेत्र आकार स्पर्श 1. भरत अर्ध चंद्राकार तीनों तरफ लवणसमुद्र है 526 6/19 लघुहिमवंत प. चौपाई पलंग जैसा पूर्वपश्चिम लवणसमुद्र है 1052 12/19
लंबाचौडा 2. हिमवंत क्षे. . "
2105 5/19 (महाहिमवंत प.)
4210 10/19 3. हरिवर्ष क्षे. (नीलवंत प.)
16842 2/19 4. महाविदेह क्षे.
33684 4/19
प्रमाण
84211/19
पदार्थ प्रदीप
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