________________
मुहपत्ती और शरीरकी 50 पडिलेहणा और 50, बोल सुचना : चरवलावालेको हि उभडक बेठकर पडिलेहण करने का अधिकार है। न हो तो बेठकर पडिलेहण करे.
1. उभडक बेठो, 2. हाथ दो पांव की अंदर रखो 3. मुहपत्ती खोलो, 4. फिर अवलोकन करो साथमें 'सूत्र' इस बोल/शब्द को मनमें बोलो.
मुहपत्तीको दूसरी तरफ घुमाओ प्रमार्जना करनेके साथ 'अर्थतत्त्वकरीसद्दहुँ' बोलो
"सम्यक्त्व मोहनीय, मिश्र मोहनीय मिथ्यात्व मोहनीय परिहरूं' ये बोल बोलकर महुपत्तीके ओक पल्ले को तीनबार हिलाना/ झुंझलाना ।
"काम राग, स्नेह राग, द्रष्टि राग परिहरूं' ये बोल बोलकर मुहपत्ती के छेडेको तीनबार ढिंढोले / हिलावे फिर चित्र अनुसार बाये हाथकी कलाई पर डाले.
83
प दार्थ प्रदीप