Book Title: Nandanvan Kalpataru 2019 06 SrNo 42
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti
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min" "Elai-या नागौर ममममारmaanaa Ramera
(तीय निशान नामी गंगा
शायनसभारपणाचावलीविजयमभूराश्वरपट्टधर गयाणश्रीविषयविज्ञानमीभापमानाकामाद
प्रजाचाय श्रीविजयकस्तरमरीनररिपालग
चन्द्रचरित्रम् ७. (चन्द्रराजचरित्रम्)
दियानीवाट -mumगार परम पूज्य आचार्य श्री विजय चन्द्रोदयसूरीश्वरजी महाराज साहेब
मिमियममा पाथ पूज्य आचार्य iiari नि अशोकचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज साहेब
सन्न मार्गदर्शन नया आशीर्वाद
परम पूज्य आचार्य श्री विजय माधचन्द्रमरीश्वरजी महाराज साहब
संपादक: प.पू.आचार्य श्री GAD | विजयश्रीचन्दमूरिजी म.सा Parts
प्रकाशकीरगम Har पाटोमा मेष - 4aat
श्री जिविता कस्तानि हामंदिर परमश सभाचोक सात-१९५०
चदचरित्रम्
मध्यकालीनगर्जरभाषाकविना पण्डितश्रीमोहनविजयेन गूर्जरभाषया 'चंदराजानो रास' इति नाम्ना चन्द्रराजस्य चरितमालिखितमस्ति । तदेवाऽवलम्ब्य प्रथमं संस्कृतभाषया पद्यनिबद्धं चन्द्रचरित्रम् - इति तथा तदनन्तरं प्राकृतभाषया गद्य-पद्योभयनिबद्धं सिरिचंदरायचरियं इति च पूज्याचार्यवर्यश्रीविजयकस्तूरसृििभविरचितम् ।
तत्र संस्कृतभाषानिबद्धे चरिते सप्त सर्गाः सन्ति । विविधच्छन्दःसु विरचितेष्वेतेषु सर्गेषु आहत्य १९२९ मिता: श्लोकाः सन्ति प्रशस्तेश्च १३ श्लोकाः - इति १९४२ मिताः श्लोकाः सन्ति ।
महाकाव्योपमेऽत्र चरिते आचार्यवर्याणां काव्यरचनक्षमता स्पष्टतया दृग्गोचरीभवति ।
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