Book Title: Lonjanas ke Tattva Siddhanta Adhar par Nirla Kavya ka Adhyayan
Author(s): Praveshkumar Sinh
Publisher: Ilahabad University

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Page 10
________________ (च) अतीत की स्मृति । (छ) युद्धोन्माद का चित्र। (ज) भविष्य के प्रति आशावादी दृष्टिकोण। (3) समुचित अलंकार योजना (क)अनुप्रास। (ख) सम्बोधन। (ग) पुर्नरूक्ति प्रकाश। (घ) प्रश्नालंकार। (ड) विरोधाभास (च)रूपक। (छ)- मानवीकरण। (4) उत्कृष्ट भाषा-प्रयोग (क) निराला काव्य में ओज की प्रवाह-पूर्णता। (ख) निराला काव्य में रूपक-योजना। (ग) उपमाओं एवं अति-युक्तियों का उचित-प्रयोग। (5) गरिमामय रचना-विधान (क) निराला का बिम्बगत् वैशिष्ट्य। (ख) निराला की छन्दगत् मौलिकता। (ग) प्रकृति का मानवीकरण। (ड) अतीत का वर्तमान से सामंजस्य । अध्याय-चार 172-179 उपसंहार सन्दर्भ ग्रन्थ सूची - 180-183

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