Book Title: Lonjanas ke Tattva Siddhanta Adhar par Nirla Kavya ka Adhyayan Author(s): Praveshkumar Sinh Publisher: Ilahabad University View full book textPage 8
________________ विषय-वस्तु भूमिका पृष्ठसंख्या अध्याय एक 7-26 (1) उदात्त-प्रकृति और पाश्चात्य विद्वानों के मतों विशेषकर लौंजाइनस का आलोचनात्मक परीक्षण। (2) उदात्त का स्वरूप (क) अन्तरंग तत्व (I) अनन्त विस्तार (II) असाधारण शक्ति और वेग (III) अलौकिक ऐश्वर्य (IV) उत्तकृष्ट एवं स्थायी प्रभाव क्षमता (ख) बहिरंग तत्व (I) अलंकारों की समुचित योजना (II) उत्कृष्ट-भाषा (III) गरिमामय रचना-विधान (ग) विरोधी तत्व (1) अभिव्यक्ति में क्षुद्रता (II) भाव मीमांसा अध्याय- दो 27-44 (1) निराला काव्य का सर्जनात्मक-विकास (क) अनामिका (प्रथम) (ख) परिमल (ग) गीतिकाPage Navigation
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