Book Title: Karmprakrutau Uday
Author(s): Yashovijay, Malaygiri
Publisher: ZZZ Unknown
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RADIODrakccsakaka
औ०२-संघ-संस्था०-उप-प्र०-सहिता आनु- २८९ सं० सं० सुभ० दुर्भ-आदे०अना०
देहस्थानानां .. पूर्वी घर्जा सा एव २१
यअय०-२८८ पर्याप्तस्य
हुंडसेवार्तदुर्भगानादेयायशोभिः १ अपर्याप्तस्य पराघातखगतियुक्ता २६
५७६ पूर्वोक्त २८८x२ खगति-५७६ पर्याप्तस्य देहपर्याप्तानां ,,, | उच्छवासयुक्ता २८ ५७६ पूर्ववत्
उच्छ्वा०पर्या नां , उद्योतयुक्ता वा २८ ५७६
देहपर्याप्तानां स्वरयुक्ता २९ (सोच्छवासा) ११५२ ५७६४२ स्वराभ्यां ११५२
भाषापर्याप्तानां , उद्योतयुक्ता वा २९ (,) | ५७६ पूर्वोक्तपद्धन्या
उच्छ्वा०प०ति० , ३० ( सस्वरा)
भाषा०पर्याणतिरश्चां एवं सामान्यतिर्य० पंचेषु
४९०६ भंगाः " , मनुष्येषु
२६०२ भंगाः (उद्योतसत्कानां ३१स्थानसत्कानां चाभावात् )
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