Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti
View full book text ________________ [45 सप्ततिकाभिधः षष्ठः कर्मग्रन्थः तेवीस १पण्णवीसा, छव्वीसा अट्ठवीस २गुणतीसा / ३तीसेगतीस ४मेगं. बंध ५ट्टाणाणि नामस्स // 24 / / 26 / / ६चउ पणवीसा सोलस नव बाणउईसया य अडयाला / एयालुत्तरछाया--लसया इक्किक्क बंधविही ॥२७॥(प्र०) वीसिगवीसा चउवीसगा उ एगाहिआ य इगतीसा / उदयट्ठाणाणि भवे नव अट्ठ य हुंति नामस्स // 2 / / 28|| १.इक्क विआलिश्कारस, ११तित्तीसा छस्सयाणि १२तित्तीसा। बारससत्तरससयाण -हिगाणि विपंचसीईहिं // 26 // 26 // अउणत्ती१३सिक्कारससयाणिहिअसतरपंचसट्ठीहिं / * १४इक्किक्कगं च वीसा-दटठुदयंतेसु उदयविही // 27 // 30 / / तिदुनउई १५गुणनउई, १६अडसी छलसी असीइ 1 गुणसीई। १८अट्ठयछप्पन्नत्तरि, नव अट्ठ य १९नामसंताणि // 28 // 31 // अट्ठ य बारस बारस, बंधोदय२०संतपयडि २१ठाणाणि / ओहेणाएसेण य, जत्थ जहासंभवं २२विभजे // 26 // 32 // नव ३पणगोदयसंता, तेवीसे २४पन्नवीस छव्वीसे / अट्ठ चउरवीसे, नव २५सगि गुणतीस तीसंमि // 30 // 33 / / २६एगेगमेगतीसे, एगे एगुदय अह संतमि / उवरयवंधे दस दस, वेअगसंतंमि २७ठाणाणि // 31 // 34 / / . 1. “पन्नवीसा" इत्यपि / 2 “गुणतीसा" इति, “उगुतीसा" इत्यपि वा। 3 "तीसिक्क०" इत्यपि, "तीसेक्क" इत्यपि / 4. "मेक्कं” इत्यपि / 5. “टाणाइँ” इत्यपि / 6. इयं गाथा मूलगाथातया चूर्णी नास्ति, श्रीमन्मलयगिरिविहितवृत्त्युपेतसप्ततिकायां चा ऽस्ति / 27-28 तमगाथयोर्हस्तलिखितप्रतौ व्यत्ययोऽस्ति / 27 तमगाथास्थानेऽष्टाविंशतितमी गाथा, अष्टाविंशतितम्याः स्थाने सप्तविंशतितमीति / 7. "एक्केक"इत्यपि / 8. "गाइ इगतीसगंत एगहिया" इत्यपि / “गादिगतीसगं ति एगहिया / " इत्यपि, “गाति एगाहिया उ इगतीसा।” इत्यपि, “गाइ एगाहिया उ इगतीसा" इत्यपि वा। 6 “होंति" इत्यपि। 10. “एगबियालेक्कारस" इत्यपि, एगबियारेक्कारस" इत्यपि वा / 11-12 "तेत्तीसा" इत्यपि / 13. "०सेक्कारससयऽहिगसत्तरस पंच०" इत्यपि, "0 सेक्कारससयाहिगा सतरसपंच०" इत्यपि, “सेक्कारससयाणहिगसतरपंच०" इत्यपि वा। 14. "इक्के क्वगं" इत्यपि, “एककेक्कगं" इत्यपि वा / 15. "इगु०" इत्यपि, 'उगुः” इत्यपि वा। '6. "अटुच्छलसी" इत्यपि, "अट्टयळलसी" इत्यपि वा / 17. “उगु०" इत्यपि / 15. 'अट्ठयछप्पणत्तरि" इत्यपि, “अच्छप्पणत्तरि" इत्यपि / 16. "णाम" इत्यपि / 20. “सत्तपगडिठाणाई” इत्यपि / 21. "०ठाणाई" इत्यपि / 22. “विभए” इत्यपि / 23. "पंचोदय" इत्यपि, "पंच उदय०" इत्यपि / 24. “पण्णवीस" इत्यपि / 25. “सत्तगतीस०" इत्यपि,"सत्तगुतीस" इत्यपि, "सत्तिगुतीस०" इत्यपि वा / 26. “एगेगं इगतीसे” इत्यपि / 27 "ठाणाई" इत्यपि /
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